tag:blogger.com,1999:blog-289158884707270975.post879747842705910361..comments2012-03-29T05:37:49.929-07:00Comments on Arvind Yadav: OM....Unknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-289158884707270975.post-8286565829951857152012-03-29T05:37:49.929-07:002012-03-29T05:37:49.929-07:00मनुष्य योनि साधन योनि है....
1) आपके पास किसी की न...मनुष्य योनि साधन योनि है....<br />1) आपके पास किसी की निन्दा करने वाला, किसी के पास तुम्हारी निन्दा करने वाला होगा।<br />---------------<br />2) कष्ट सहन करने का अभ्यास जीवन की सफलता का परम सुत्र है।<br />---------------<br />3) जिसके पास उम्मीद हैं, वह लाख बार हारकर भी नहीं हारता।<br />---------------<br />4) गलती कर देना मामूली बात है, पर उसे स्वीकार कर लेना बड़ी बात है।<br />---------------<br />5) शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है।<br />---------------<br />6) सच्चा प्रयास कभी निष्फल नहीं होता।<br />---------------<br />7) स्वयं को स्वार्थ, संकोच और अंधविश्वास के डिब्बे से बाहर निकालिए, आपके लिए ज्ञान और विकास के नित-नवीन द्वार खुलते जाएँगे।<br />---------------<br />8) सुख और आनन्द ऐसे इत्र हैं... जिन्हें जितना अधिक दूसरों पर छिड़केंगे, उतनी ही सुगन्ध आपके भीतर समायेगी।<br />---------------<br />9) जीवन संध्या तरफ जाते हुए डरना मत, मृत्यु तो दिन के बाद रात का आराम है।<br />---------------<br />10) छोटा सा समाधान बड़ी लड़ाई समाप्त कर देता हैं, पर छोटी सी गलत फहमी बड़ी लड़ाई पैदा कर देती हैं। मन में घर कर चुकी गलतफहमियों को निकालें और समाधान का हिस्सा बनें।<br />---------------<br />11) संगीत की सरगम हैं माँ, प्रभु का पूजन हैं माँ, रहना सदा सेवा में माँ के, क्योंकि प्रभु का दर्शन हैं माँ ।<br />---------------<br />12) नाशवान में मोह होता हैं, अविनाशी में प्रेम होता हैं।<br />---------------<br />13) लेने की इच्छा वाला साधक नहीं हो सकता है।<br />---------------<br />14) अपने सुख को रेती में मिला दे तो खेती हो जायेगी।<br />---------------<br />15) ममता रखने से वस्तुओं का सदुपयोग नहीं हो सकता है।<br />---------------<br />16) केवल ‘तू’ और ‘तेरा’ हैं, ‘मैं’ और ‘मेरा’ हैं ही नहीं।<br />---------------<br />17) अभिमान अविवेकी को होता हैं, विवेकी को नहीं।<br />---------------<br />18) वस्तुएँ काम में लेने के लिए हैं, ममता करने के लिए नही।<br />---------------<br />19) मनुष्य योनि साधन योनि है।<br />---------------<br />20) कर्मयोग है-संसार में रहने की बढि़या रीति।<br />---------------<br />21) जो हमसे कुछ चाहे नहीं, और सेवा करे, वह व्यक्ति सबको अच्छा लगता है। <br />---------------<br />22) हमारा शरीर पंचकोशो से बना हुआ है-<br />1. अन्नमय कोश अर्थात् यह स्थूल शरीर, <br />2. प्राणमय कोश अर्थात् क्रियाशक्ति, <br />3. मनोमय कोश अर्थात् इच्छा शक्ति, <br />4. विज्ञानमय कोश अर्थात् विचारशक्ति और <br />5. आनन्दमय कोश अर्थात् व्यक्तित्व की अनुभूति।<br />---------------<br />23) अशान्ति की गन्ध किसमें नहीं होती ? जो होने में तो प्रसन्न रहता हैं, किंतु करने में सावधान रहता है।<br />---------------<br />24) प्रेम करने का कोई तरीका नहीं हैं पर प्रेम करना सबको आता है।Arvind Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09725179399191887354noreply@blogger.com